महात्मा गांधी का परिचय
महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनके पिता का नाम करमचंद्र गांधी था, जो ब्रिटिश राज के समय काठियावाड़ की एक छोटी सी रियासत के दीवान थे। महात्मा गांधी का विवाह महज 13 साल की उम्र में कस्तूरबा गांधी के साथ हो गया था।
महात्मा गांधी का दांडी पैदल यात्रा
12 मार्च 1930 को, महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी के लिए 24 दिन की पैदल यात्रा शुरू की I
- इस यात्रा का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार के नमक पर एकाधिकार और कर के खिलाफ विरोध करना था I
- यह यात्रा अहिंसक सविनय अवज्ञा का एक हिस्सा थी I
- 6 अप्रैल 1930 को, गांधी जी ने दांडी तट पर पहुंचकर समुद्र के पानी से नमक बनाकर ब्रिटिश सरकार के नमक कानून का उल्लंघन किया I
- इस यात्रा ने भारी जन समर्थन प्राप्त किया और दुनिया भर का ध्यान आकर्षित किया I
- दांडी यात्रा को भारत की आजादी की लड़ाई में एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है I
- दांडी में नमक सत्याग्रह की याद में एक स्मारक बनाया गया है I
- इस आंदोलन का आदर्श वाक्य अहिंसा था I
- गांधी जी ने इस यात्रा के माध्यम से जनता को ब्रिटिश सरकार के खिलाफ संगठित किया I
- साबरमती आश्रम से दांडी तक की दूरी लगभग 386 किलोमीटर (240 मील) थी I
- गांधी जी के साथ 78 स्वयंसेवकों ने इस यात्रा में भाग लिया था I
- गांधी जी का अंतिम लक्ष्य पूर्ण स्वराज था I
- ***गांधीवादी युग या गांधी युग (1910-1947)***
- 1910 के दशक से 1947 तक के काल को गांधीवादी युग या गांधी युग कहा जाता है. इस काल में महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत ने कई आंदोलन किए, जिनमें असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन प्रमुख हैं I
- गांधी युग ---- 1910 के दशक से 1947 तक की काल
- आंदोलन ---- असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन
- गांधी जी के सिद्धांत --- अहिंसा, सत्य, ब्रह्मचर्य, स्वदेशी, अस्पृश्यता निवारण
- गांधी जी के विचार --- धर्म, विचारधारा, और जीवन-पद्धति से जुड़े विचार
- गांधी जी का प्रभाव --- अलग-अलग वर्गों और धर्मों के लोगों को एकजुट करने में सफलता
- गांधी जी के बारे में कुछ और जानकारी:
- उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबंदर में हुआ था
- वे एक भारतीय वकील, राजनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता, और लेखक थे
- उन्होंने दक्षिण अफ़्रीका में भी सफलतापूर्वक आंदोलन चलाया था
- वे ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के नेता थे
- उन्हें अपने देश का पिता माना जाता है
- उनका निधन 30 जनवरी, 1948 को दिल्ली में हुआ था
- ****असहयोग आंदोलन (1920-1922)****
- ब्रिटिश सरकार के अत्याचारों के ख़िलाफ़ विरोध करना
- स्वराज हासिल करना
- ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ आर्थिक और राजनीतिक शोषण का विरोध करना
- स्वदेशी को बढ़ावा देना
- ब्रिटिश सरकार के ख़िलाफ़ अहिंसक आंदोलन चलाना
- ब्रिटिश वस्त्रों का बहिष्कार करना
- सरकारी और गैर-सरकारी समारोहों का बहिष्कार करना
- उपाधियों और अवैतनिक पदों का त्याग करना
- स्वदेशी वस्त्रों और खादी को अपनाना
- राष्ट्रीय विद्यालयों और कॉलेजों की स्थापना करना
- न्यायालय के बजाय पंचों का फ़ैसला मानना
- असहयोग आंदोलनों के मुख्य कारण क्या हैं?
- असहयोग आंदोलन ब्रिटिश भारतीय सरकार की दमनकारी नीतियों जैसे 18 मार्च 1919 के रॉलेट एक्ट और 13 अप्रैल 1919 के जलियाँवाला बाग हत्याकांड के प्रति प्रतिक्रिया थी।
- असहयोग आंदोलन का दूसरा नाम क्या था?
- असहयोग आंदोलन, जिसे सविनय अवज्ञा आंदोलन के नाम से भी जाना जाता है, 1 अगस्त 1920 को महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया था। असहयोग आंदोलन भारत के स्वतंत्रता संग्राम के एक हिस्से के रूप में आयोजित पहला जन आंदोलन था।
- असहयोग आंदोलन को वापस लेने का मुख्य कारण क्या था?
- असहयोग आंदोलन क्यों स्थगित किया गया? चौरी चौरा की घटना के बाद फरवरी 1922 में गांधीजी ने आंदोलन वापस ले लिया। उत्तर प्रदेश के चौरी चौरा में हिंसक भीड़ ने पुलिस और आंदोलन के प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प के दौरान एक पुलिस स्टेशन में आग लगा दी जिसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए।
- *** सविनय अवज्ञा आंदोलन (1930)***
सविनय अवज्ञा आंदोलन,अहिंसक प्रतिरोध का एक आंदोलन था. इसका नेतृत्व महात्मा गांधी ने किया था. साल 1930 में स्वतंत्रता दिवस के बाद इसकी शुरुआत हुई थी
इस आंदोलन का मकसद, अंग्रेज़ों के बनाए गए अन्यायपूर्ण कानूनों का पालन न करना था- सविनय अवज्ञा आंदोलन की खास बातें:
- इस आंदोलन की शुरुआत, गांधी जी के प्रसिद्ध दांडी मार्च से हुई थी I
- यह आंदोलन, भारत के आज़ादी की लड़ाई में एक अहम घटना थी I
- इस आंदोलन में, भारतीय नागरिकों ने सामूहिक रूप से अंग्रेज़ों के बनाए गए कानूनों का पालन करने से इनकार कर दिया था I
- इस आंदोलन को नमक सत्याग्रह भी कहा जाता है I
- इस आंदोलन में, महिलाओं ने भी हिस्सा लिया था I
दांडी मार्च की तारीखें:- दांडी मार्च की शुरुआत 12 मार्च, 1930 को हुई थी
- यह मार्च 6 अप्रैल, 1930 को खत्म हुआ था
- ***भारत छोड़ो आंदोलन (1942)***
रत छोड़ो आंदोलन द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 8 अगस्त 1942 को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के बॉम्बे अधिवेशन में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किया गया एक आंदोलन था, जिसमें भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने की मांग की गई थी।
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